The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing
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Inspiration and Empowerment: She is a symbol of strength and braveness for devotees, particularly in the context of your divine feminine.
कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं
पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra produces a spiritual defend about devotees, safeguarding them from negativity and destructive influences. This mantra functions being a source of safety, encouraging people today sustain a constructive environment free from psychological and spiritual disturbances.
हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥
ह्रीङ्काराङ्कित-मन्त्र-राज-निलयं श्रीसर्व-सङ्क्षोभिणी
यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता
श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु read more श्रियम् ॥१७॥
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में
मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं